Tuesday, January 12, 2010

बाकी थोडेसे

मनात बाकी थोडेसे
उरात बाकी थोडेसे

आसवांतुन जरी वाहिले
डोळ्यांत बाकी थोडेसे

सत्यात जे ना उतरले
स्वप्नात बाकी थोडेसे

प्रेम तुला न कळले
ह्या शब्दांत बाकी थोडेसे

उरले काही माझ्याकडे
अन कवितेत बाकी थोडेसे


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